आईआईटी दिल्ली और इंडियन नेवी साथ मिलकर करेंगे कामImage Credit source: IIT Delhi
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली अब इंडियन नेवी के नए जहाजों के डिजाइन में सहयोग करेगा। इसके साथ ही, आईआईटी दिल्ली जहाजों की सुरक्षा और रहने योग्य वातावरण पर भी अनुसंधान करेगा। इस संबंध में दोनों संस्थानों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस MOU पर इंडियन नेवी के असिस्टेंट चीफ ऑफ मटेरियल रियर एडमिरल अरविंद रावल और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो रंगन बनर्जी ने अपने हस्ताक्षर किए हैं।
आइए जानते हैं कि इस समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है और इसके क्या मायने हैं?
सैनिकों के जीवन स्तर में सुधारसमझौते के तहत, आईआईटी दिल्ली का डिजाइन विभाग इंडियन नेवी के नए जहाजों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इसके अलावा, जहाजों की सुरक्षा और रहने योग्य वातावरण पर अनुसंधान किया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जहाज पर तैनात जवानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
इसमें आईआईटी दिल्ली जहाज में जीवन की गुणवत्ता से जुड़े पहलुओं जैसे आराम, सुरक्षा, उपयोगकर्ता अनुभव और कार्यकुशलता पर भी ध्यान देगा। इससे इंडियन नेवी के नए जहाजों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने में मदद मिलेगी।
युद्ध के समय सुरक्षा सुनिश्चित करनाइस पहल से इंडियन नेवी अपने नए जहाजों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार कर सकेगी, जिससे युद्ध के समय सुरक्षा सुनिश्चित होगी। लंबी समुद्री यात्रा के दौरान, जवानों को आरामदायक और कुशलता से रहने का अवसर मिलेगा। ये परिवर्तन युद्ध के समय चालक के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होंगे।
इस संबंध में रियर एडमिरल अरविंद रावल ने कहा कि यह समझौता भारतीय युद्धपोतों को सक्षम बनाने और चालक दल के लिए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वहीं, प्रो रंगन बनर्जी ने कहा कि यह समझौता नाविकों और नौसेना अधिकारियों के लिए बेहतर कार्य और रहने की परिस्थितियों को विकसित करने में सहायक होगा।
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