अगली ख़बर
Newszop

जम्मू-कश्मीर में 150 साल पुरानी परंपरा की पुनर्स्थापना, सीएम उमर का ऐतिहासिक निर्णय

Send Push
सीएम उमर अब्दुल्ला का ऐतिहासिक निर्णय

सीएम उमर अब्दुल्ला


जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने पर 150 साल पुरानी 'दरबार मूव' परंपरा को पुनर्जीवित करने की घोषणा की है। इस परंपरा के अनुसार, हर छह महीने में जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित की जाती है।


उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 2021 में इस परंपरा को समाप्त कर दिया था, यह कहते हुए कि इससे हर साल लगभग 200 करोड़ रुपये की बचत होगी। यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद लिया गया था।


दरबार मूव की पुनर्स्थापना की पुष्टि

सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हमने दरबार मूव को पुनर्स्थापित करने का वादा किया था। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है, और उपराज्यपाल से भी इसे स्वीकृति मिल गई है।” उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने इस आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।


सीएम के बयान के कुछ घंटों बाद, जम्मू-कश्मीर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने दरबार मूव के संबंध में औपचारिक आदेश जारी किया। इसके बाद, मुख्यमंत्री कार्यालय और सभी सरकारी कार्यालय अब शीतकालीन राजधानी जम्मू से कार्य करना शुरू करेंगे।


व्यापारियों पर प्रभाव

दरबार मूव पर रोक का सबसे अधिक प्रभाव जम्मू के व्यापारियों पर पड़ा है। व्यापारियों का कहना है कि इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है और वे लंबे समय से इस परंपरा को पुनर्स्थापित करने की मांग कर रहे थे। एक व्यापारी नेता ने कहा, “इस परंपरा के समाप्त होने से जम्मू की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। दरबार मूव की पुनर्स्थापना एक सकारात्मक कदम है, जिसका हम सभी स्वागत करते हैं।”


व्यापारी संगठनों और राजनीतिक दलों का मानना है कि दरबार मूव परंपरा न केवल जम्मू में लोगों के लिए रोजगार का साधन रही है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर में एकता और सद्भाव का प्रतीक भी है।


यह परंपरा 1872 में महाराजा गुलाब सिंह द्वारा शुरू की गई थी, ताकि सर्दियों में राजधानी जम्मू और गर्मियों में श्रीनगर को बदला जा सके, जिससे दोनों क्षेत्रों के लोगों को प्रशासनिक पहुंच में आसानी हो।


न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें