इनकम टैक्स रिटर्न 2025 दाखिल करने के लिए सरकार ने अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी है। लेकिन क्या सेल्फ असेसमेंट टैक्स के लिए भी अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 ही है? सेक्शन 234ए के लिए भी क्या इसे ही अंतिम तिथि माना जाएगा। आयकर विभाग के द्वारा उन करदाताओं को राहत दी गई है, जिनके खाते का ऑडिट जरूरी नहीं है। जैसे अनिवासी भारतीय, वेतन भोगी और पेंशन भोगी आदि।
क्या देना होगा जुर्माना?करदाताओं के द्वारा सवाल किए जा रहे हैं कि क्या सेल्फ असेसमेंट टैक्स पेमेंट की डेडलाइन भी सरकार के द्वारा बढ़ाई गई है? यदि करदाता 31 जुलाई 2025 के बाद सेल्फ असेसमेंट टैक्स पे करते हैं तो क्या उन्हें ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा? चलिए जानते हैं इस सवाल के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं।
डेलोइट इंडिया के निर्देशक तरुण गर्ग का कहना है कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 234 ए के अंतर्गत ब्याज का भुगतान तब करना होता है जब अंतिम तिथि के बाद सेल्फ असेसमेंट टैक्स का भुगतान किया जाता है। क्योंकि विभाग के द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई से बढ़कर 15 सितंबर 2025 कर दिया है इसीलिए इसे ही सेल्फ असेसमेंट के लिए भी अंतिम तिथि माना जाएगा। यानी 15 सितंबर तक या उससे पहले सेल्फ एसेसमेंट टैक्स का भुगतान कर दिया जाता है, तो ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
इसके पहले जब भी अंतिम तिथि बढ़ाई गई है तब सीबीडीटी ने स्पष्ट रूप से कहा था की धारा 234 ए के प्रयोजनों के लिए अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई जा रही है और ब्याज की गणना मूल जाएगी। लेकिन इस बार सीबीडीटी के द्वारा ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की गई है। हिंदी विशेषज्ञों का भी यही मानना है कि 15 सितंबर 2025 तक यदि रिटर्न दाखिल किया जाता है तो कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।
क्या है स्व-मूल्यांकन टैक्स?यह वह राशि है जो किसी करदाता को वित्त वर्ष में कमाई कुल आय से टीडीएस और टीसीएस के साथ ही एडवांस टैक्स घटाने के बाद जो राशि भुगतान करना होता है। यदि किसी करदाता के द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तिथि के बाद विलंबित आईटीआर दाखिल किया जाता है और स्वयं मूल्यांकन कर का भुगतान भी उसके बाद किया जाता है तो उन्हें देर तिथि तक ब्याज का भुगतान करना होगा।
क्या देना होगा जुर्माना?करदाताओं के द्वारा सवाल किए जा रहे हैं कि क्या सेल्फ असेसमेंट टैक्स पेमेंट की डेडलाइन भी सरकार के द्वारा बढ़ाई गई है? यदि करदाता 31 जुलाई 2025 के बाद सेल्फ असेसमेंट टैक्स पे करते हैं तो क्या उन्हें ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा? चलिए जानते हैं इस सवाल के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं।
डेलोइट इंडिया के निर्देशक तरुण गर्ग का कहना है कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 234 ए के अंतर्गत ब्याज का भुगतान तब करना होता है जब अंतिम तिथि के बाद सेल्फ असेसमेंट टैक्स का भुगतान किया जाता है। क्योंकि विभाग के द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई से बढ़कर 15 सितंबर 2025 कर दिया है इसीलिए इसे ही सेल्फ असेसमेंट के लिए भी अंतिम तिथि माना जाएगा। यानी 15 सितंबर तक या उससे पहले सेल्फ एसेसमेंट टैक्स का भुगतान कर दिया जाता है, तो ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
इसके पहले जब भी अंतिम तिथि बढ़ाई गई है तब सीबीडीटी ने स्पष्ट रूप से कहा था की धारा 234 ए के प्रयोजनों के लिए अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई जा रही है और ब्याज की गणना मूल जाएगी। लेकिन इस बार सीबीडीटी के द्वारा ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की गई है। हिंदी विशेषज्ञों का भी यही मानना है कि 15 सितंबर 2025 तक यदि रिटर्न दाखिल किया जाता है तो कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।
क्या है स्व-मूल्यांकन टैक्स?यह वह राशि है जो किसी करदाता को वित्त वर्ष में कमाई कुल आय से टीडीएस और टीसीएस के साथ ही एडवांस टैक्स घटाने के बाद जो राशि भुगतान करना होता है। यदि किसी करदाता के द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तिथि के बाद विलंबित आईटीआर दाखिल किया जाता है और स्वयं मूल्यांकन कर का भुगतान भी उसके बाद किया जाता है तो उन्हें देर तिथि तक ब्याज का भुगतान करना होगा।
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