आईएएनएस से खास बातचीत में स्नेह राणा ने कहा, "जब हम बाहर बैठे थे, मैं बस लगातार प्रार्थना कर रही थी। उस समय, मुझे लगा कि बस आखिरी विकेट गिरना बाकी है, चलो मैच जल्द से जल्द खत्म कर दें ताकि हमें विश्व चैंपियन होने का एहसास हो। यही सब मेरे दिमाग में चल रहा था। ऐतिहासिक जीत के तुरंत बाद का माहौल अवास्तविक था, मैदान पर जश्न मनाया गया और फिर होटल में भी जश्न का माहौल था। पहले तो हम मैदान से बहुत देर से निकले, और फिर होटल में हमारी पार्टी के लिए कुछ इंतजाम थे।"
उन्होंने कहा, "हम उस एहसास को महसूस नहीं कर पा रहे थे। हम इतने सुन्न थे कि हमें पता ही नहीं चला कि क्या हो रहा है। इसलिए, होटल में कुछ इंतजाम थे और उसके बाद हम पार्टी कर रहे थे।"
राणा ने कहा, "जब हम अभ्यास सत्र में या किसी भी समय मैदान पर इकट्ठा होते थे, तो हम एक सकारात्मक बात पर बात करते थे कि हमें बस एक बदलाव की जरूरत है और हम उसे कर लेंगे। सभी को खुद पर इतना विश्वास था और इसी वजह से हम अच्छे अंकों से जीत पाए। हमारे दिमाग में बस एक ही बात थी कि हमें ट्रॉफी जीतनी है। हमारे ड्रेसिंग रूम में विश्व कप जीतने वाला माहौल था। हम एक-दूसरे से कहते थे कि हम ट्रॉफी जीतेंगे, और अंत में यही कारगर रहा।"
उन्होंने कहा, "हम उस एहसास को महसूस नहीं कर पा रहे थे। हम इतने सुन्न थे कि हमें पता ही नहीं चला कि क्या हो रहा है। इसलिए, होटल में कुछ इंतजाम थे और उसके बाद हम पार्टी कर रहे थे।"
Also Read: LIVE Cricket Scoreडीवाई पाटिल स्टेडियम के बारे में राणा ने कहा, "यह एक बहुत ही खास मैदान है, और अब यह और भी खास हो गया है क्योंकि ट्रॉफी उसी मैदान पर उठाई गई है। हमें उस मैदान पर बहुत सारी सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। विश्व कप भी यहीं मिला।"
Article Source: IANSYou may also like

संजू सैमसन की ट्रेड डील दिल्ली कैपिटल्स के साथ क्यों नहीं हो पाई? कैसे CSK बन गई फेवरेट, जानें अंदर की बात

Kirodi Lal Meena ने बेनीवाल को दे डाली है ये सलाह, कहा- मैंने यह मुकाम किसी चुनावी रैली या…

अब डीलर के अंगूठे से ही खुलेगी पॉस मशीन, नहीं कर पाऐंगे राशन में फर्जीवाड़े

दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना हुआ मुश्किल, जहांगीरपुरी में AQI 389, राजधानी फिर बनी गैस चेंबर

अगर आपˈ बिना काम किए भी थके रहते हैं तो हो जाएं अलर्ट इस विटामिन की कमी से बिगड़ सकती है सेहत﹒




