राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
रविवार को लालू यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि उनके बड़े बेटे (तेज प्रताप) की "गतिविधि, लोक आचरण और गै़र ज़िम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है."
इससे पहले शनिवार को तेज प्रताप यादव के फे़सबुक अकाउंट से एक तस्वीर पोस्ट की गई थी. हालांकि कुछ ही घंटों बाद उस तस्वीर को डिलीट कर दिया गया.
इसके बाद तेज प्रताप यादव ने 10 बजकर 56 मिनट पर एक्स पर पोस्ट कर कहा कि उनके सोशल मीडिया हैंडल को हैक कर लिया गया है और उन्हें बदनाम और परेशान करने की कोशिश की जा रही है.
इस मामले में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और तेज प्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव ने कहा कि "तेज प्रताप वयस्क हैं और उन्हें अपने निजी जीवन से जुड़े फै़सले लेने का अधिकार है."
वहीं लालू यादव की पोस्ट पर जनता दल यूनाइटेड ने भी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि "लालू लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं."
लालू यादव क्या बोले?
लालू यादव ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि अब से पार्टी और परिवार में तेज प्रताप यादव की किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी.
उन्होंने एक्स पर लिखा, "निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है. ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण और गै़र ज़िम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है."
लालू यादव ने लिखा, "इसलिए उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूँ. अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी. उसे पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है."
उन्होंने लिखा, "अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम हैं. उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें."

तेज प्रताप यादव के छोटे भाई और आरजेडी नेता ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "एक बात साफ़ है, हमें ये सब चीजें ना तो अच्छी लगती हैं और ना ही बर्दाश्त हैं. हम अपना काम कर रहे हैं, बिहार के प्रति हम समर्पित हैं. जहां तक मेरे बड़े भाई (तेज प्रताप यादव) की बात है, राजनीतिक जीवन में निजी जीवन अलग होता है."
"वो वयस्क हैं और निजी जीवन के फै़सले लेने का उनको अधिकार हैं. उनका फै़सला है, क्या सही होगा, क्या नुक़सान होगा, वो अपना फैसला खुद लें. राष्ट्रीय अध्यक्ष, दल के नेता हैं उन्होंने ट्वीट के माध्यम से अपनी भावनाएं साफ़ कर दी हैं. हम ऐसी चीज़ों को पसंद नहीं करते हैं और न ही इसे बर्दाश्त कर सकते हैं."
तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें शनिवार को हुए घटनाक्रम की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली.
उन्होंने कहा, "वो अपने जीवन में क्या कर रहे हैं, क्या नहीं कर रहे हैं, ये हमें नहीं पता है. मीडिया के माध्यम से ही हमें इस बात की जानकारी मिली."

तेज प्रताप को लेकर लालू यादव के फ़ैसले पर उनकी बहन ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है.
उन्होंने लिखा, "जो अपना विवेक त्याग कर मर्यादित आचरण और परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बारम्बार लांघने की ग़लती, धृष्टता करते हैं, वो खुद को आलोचना का पात्र खुद ही बनाते हैं."
इसके आगे उन्होंने लिखा कि इस फ़ैसले में वो अपने पिता के साथ हैं. उन्होंने लिखा, "हमारे लिए पापा देवतुल्य हैं. परिवार हमारा मंदिर और गौरव. पापा के अथक प्रयासों, संघर्षों से खड़ी की गई पार्टी और सामाजिक न्याय की अवधारणा हमारी पूजा. इन तीनों की प्रतिष्ठा पर किसी की वजह से कोई आंच आए ये हमें कदापि स्वीकार्य नहीं."
शनिवार को क्या हुआ?
शनिवार शाम आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव के फे़सबुक अकाउंट से एक पोस्ट किया गया था. इस पोस्ट के बाद विरोधी दलों ने आरजेडी और लालू यादव को निशाने पर ले लिया था.
कुछ देर बाद ये पोस्ट डिलीट कर दी गई. फिर शनिवार देर रात तेज प्रताप यादव ने एक्स पर एक पोस्ट कर कहा कि उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हैक कर लिया गया है और उनकी तस्वीरों को ग़लत तरीके़ से एडिट किया गया है.
उन्होंने लिखा, "मेरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हैक और मेरे तस्वीरों को ग़लत तरीके़ से एडिट कर मुझे और मेरे परिवार वालो को परेशान और बदनाम किया जा रहा है."
"मैं अपने शुभचिंतको और फॉलोअर्स से अपील करता हूं कि वे सतर्क रहें और किसी भी अफ़वाह पर ध्यान न दें."
तेज प्रताप यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बड़े बेटे हैं. तेज प्रताप यादव बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं.
2015 में तेज प्रताप यादव बिहार की महुआ विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए थे. इसके बाद नीतीश कुमार सरकार में वो स्वास्थ्य और पर्यावरण मंत्री बने.
2020 में उन्होंने हसनपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और वो दूसरी बार विधायक चुने गए.
2022 में जब आरजेडी और जेडीयू में दोबारा गठबंधन हुआ तब नीतीश कुमार सरकार में तेज प्रताप यादव दोबारा पर्यावरण मंत्री बने.
यह पहला मौक़ा नहीं है जब तेज प्रताप यादव विवादों में आए हैं.
इसी साल होली के दिन तेज प्रताप का एक वीडियो हुआ था. इस वीडियो में तेज प्रताप, सिपाही दीपक कुमार को डांस करने के लिए कहते दिखे.
इस वीडियो की वजह से चर्चा में आए बिहार पुलिस के सिपाही दीपक कुमार का बाद में ट्रांसफर हो गया था.
वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने तेज प्रताप पर सवाल उठाए थे और लालू यादव को भी निशाने पर लिया.
इस वीडियो की आरजेडी की सहयोगी कांग्रेस ने भी निंदा की थी. बिहार में कांग्रेस आरजेडी की सहयोगी पार्टी है.
तेज प्रताप, लालू के बड़े बेटे तो हैं लेकिन वह उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं हैं ये बात साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में साफ़ हो गई थी.
लेकिन तेजप्रताप कई बार पार्टी में अपनी कोई को लेकर अपनी नाराज़गी जताते रहे ही हैं और अपनी महत्ता का दावा करते रहे हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तेज प्रताप यादव ने का गठन का एलान किया था. हालांकि वो आरजेडी से अलग नहीं हुए थे. लेकिन उन्होंने जहानाबाद और शिवहर लोकसभा से अपने उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा की थी.
लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि, "नादान हैं वो लोग जो मुझे नादान समझते हैं."
उनके इस बयान ने पार्टी में फूट के संकेत दे दिए थे.
इसी साल पटना में राज्यस्तरीय पार्टी की बैठक में नेताओं और समर्थकों से कहा था, "मैं भगवान कृष्ण हूं और तेजस्वी अर्जुन हैं. भगवान कृष्ण के बिना, अर्जुन कुछ भी हासिल नहीं कर सकते."
तेज प्रताप अतीत में कह चुके हैं कि तेजस्वी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने पर उन्हें दिक़्क़त नहीं है, लेकिन वो ये भी कह चुके हैं कि वह किंगमेकर की भूमिका में रहेंगे.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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