
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में चरमपंथी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है.
भारत ने दोनों देशों के बीच सिंधु जल संधि को निलंबित करने, बॉर्डर क्रासिंग बंद करने और पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करने समेत कई फैसले लिए.
वहीं जवाब में पाकिस्तान ने 1972 के शिमला समझौते से बाहर आने का एलान किया है और कहा कि नदियों के पानी रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास 'जंग की कार्रवाई' मानी जाएगी और इसका पूरी ताक़त से जवाब दिया जाएगा.
दोनों ही देशों के राजनीतिक नेतृत्व की ओर से एक दूसरे को कड़ी चेतावनी और मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई करने वाले तीखे बयान दिए जा रहे हैं.
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पहलगाम हमले के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से भारत के प्रधानमंत्री ने बीते गुरुवार को एक रैली में था कि 'हमला करने वाले आतंकियों को कल्पना से भी बड़ी सज़ा मिलेगी.'
उन्होंने कहा, "मैं पूरा दुनिया को ये संदेश देता हूं कि भारत हर आतंकी को पहचानकर, खोजकर सज़ा देगा और उन्हें समर्थन देने वालों को भी... अब आतंकियों की बची ज़मीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है."
जबकि भारत के जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि 'यह सुनिश्चित करने की रणनीति बन रही है कि पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी न मिले.'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने किसी भी दुस्साहस का कड़ा जवाब देने की बात कही तो बीबीसी से साक्षात्कार में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाज आसिफ़ ने भी दुहराया कि 'सिंधु जल संधि से जुड़ी किसी भी कार्रवाई को जंग का एलान माना जाएगा.'
रिटायर जनरल ने क्या चेतावनी दी?दक्षिण एशिया की राजनीति पर नज़र रखने वाले जानकार भारत की ओर से किसी सीमित सैन्य कार्रवाई की आशंका से इनकार नहीं कर रहे जिसमें एक व्यापक जंग छिड़ने का ख़तरा है.
हालांकि लेफ़्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एसएच पनाग ने जल्दबाज़ी में सैन्य कार्रवाई का फ़ैसला लेने से आगाह किया है.
द प्रिंट में लिखे एक में उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तान परमाणु हथियार संपन्न देश है और भारतीय सेना के सीमित सैन्य कार्रवाई का जवाब देने के लिए उसके पास पर्याप्त पारंपरिक शक्ति है.
उन्होंने लिखा, "भारत के पास किसी भी क्षेत्र में चाहे मिसाइल, ड्रोन या वायु सेना की ताक़त हो, इतनी तकनीकी बढ़त नहीं है कि वह बिना किसी नुकसान के जवाबी सर्जिकल स्ट्राइक कर सके. पाकिस्तान के पास जवाब देने की क्षमता है और हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए."
उधर, बीबीसी को दिए एक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ ने अपनी सेना की तैयारी के बारे में कहा, "हमें तैयारी नहीं करनी है. हम तैयारी कर चुके हैं. हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं."
शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भी कहा कि 'अगर किसी तरह की दुस्साहसिक कार्रवाई की जाती है तो 2019 की तरह की जवाब दिया जाएगा.'
उनका इशारा पुलवामा चरमपंथी हमले के बाद भारत की ओर से बालाकोट में हवाई हमले की ओर था जब दोनों देशों की वायु सेनाओं में सीमित झड़प हुई थी.
के मुताबिक़, 2025 सैन्य स्ट्रेंथ रैंकिंग में भारत और पाकिस्तान के बीच आठ पायदान का फ़ासला है.
साल 2025 में वैश्विक सैन्य ताक़त के मामले में 145 देशों में भारत की रैंकिंग चौथी जबकि पाकिस्तान रैंकिंग 12वीं है.
भारतीय सेना के पास क़रीब 22 लाख आर्मी जवान, 4,201 टैंक, क़रीब डेढ़ लाख बख़्तरबंद वाहन, 100 सेल्फ़ प्रोपेल्ड आर्टिलरी और 3,975 खींच कर ले जाने वाली आर्टिलरी है. इसके अलावा मल्टी बैरल रॉकेट आर्टिलरी की संख्या 264 है.
भारतीय एयरफ़ोर्स के पास 3 लाख 10 हज़ार वायु सैनिक और कुल 2,229 विमान हैं जिनमें 513 लड़ाकू विमान और 270 ट्रांसपोर्ट विमान हैं. कुल विमानों में 130 हमला करने वाले, 351 ट्रेनर और छह टैंकर फ़्लीट के विमान हैं.
भारतीय सेना के तीनों अंगों के पास कुल हेलीकॉप्टरों की संख्या 899 है जिनमें 80 अटैक हेलीकॉप्टर हैं.
भारतीय नेवी के पास 1.42 लाख नौसैनिक, कुल 293 पोत हैं जिनमें दो विमानवाहक पोत, 13 डिस्ट्रॉयर, 14 फ़्रिगेट्स, 18 सबमरीन और 18 कॉर्वेट्स युद्ध पोत हैं.
लॉजिस्टिक्स के तौर पर भारतीय सेना के पास 311 एयरपोर्ट्स, 56 बंदरगाह और 63 लाख किलोमीटर की सड़क और 65 हज़ार किलोमीटर की रेलवे कवरेज है.

के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के पास क़रीब 13.11 लाख आर्मी जवान, 1.24 लाख नौसैनिक और 78 हज़ार वायु सैनिक हैं.
पाकिस्तान के पास कुल 1,399 विमान हैं जिनमें 328 लड़ाकू विमान, 90 अटैक टाइप, 64 ट्रांसपोर्ट विमान, 565 ट्रेनर, 4 टैंकर फ़्लीट और 373 हेलीकॉप्टर हैं, जिनमें 57 अटैक हेलीकॉप्टर हैं.
इसके पास 2,627 टैंक, 17.5 वाहन, 662 सेल्फ़ प्रोपेल्ड आर्टिलरी, 2629 खींच कर ले जाने वाली आर्टिलरी और 600 मल्टीबैरल रॉकेट आर्टिलरी है.
पाकिस्तानी नेवी के पास कुल 121 युद्ध पोत हैं, जिनमें 9 फ्रिगेट्स, 9 कॉर्वेट्स, आठ सबमरीन और 69 पेट्रोल वेसेल्स हैं.
लॉजिस्टिक्स के रूप में इसके पास सिर्फ़ तीन बंदरगाह, 116 एयरपोर्ट 60 मर्चेंट मैरीन फ़्लीट हैं. इसके अलावा 2 लाख 64 हज़ार किलोमीटर सड़क और 11.9 हज़ार किलोमीटर रेलवे कवरेज है.
किसके पास कितने परमाणु हथियारस्वीडन के थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की 2024 की के अनुसार, भारत के पास 172 जबकि पाकिस्तान के पास 170 परमाणु वॉरहेड हैं.
हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि दोनों देशों के पास कितने परमाणु वॉरहेड तैनात हैं.
इस संगठन का कहना है कि पाकिस्तान भारत का मुक़ाबला करने के लिए परमाणु हथियार तैयार कर रहा है जबकि भारत का ध्यान लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों की तैनाती पर केंद्रित है. यानी ऐसे हथियार जो चीन को भी निशाना बना सकते हैं.
भारत और पाकिस्तान के पड़ोसी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति चीन के पास परमाणु हथियारों की संख्या 22 फ़ीसदी इज़ाफ़े के साथ 410 वॉरहेड से बढ़कर 500 हो गई है.
पिछले साल नवंबर में प्रकाशित बीबीसी उर्दू संवाददाता शक़ील अख़्तर के एक के मुताबिक़, भारत और पाकिस्तान अपनी ड्रोन्स की संख्या में तेज़ी से वृद्धि कर रहे हैं.
रक्षा मामलों के विश्लेषक राहुल बेदी के अनुसार, भारत के पास अगले दो से चार सालों में लगभग पांच हज़ार ड्रोन्स होंगे.
उनके अनुसार वैसे तो पाकिस्तान के पास 'भारत से कम ड्रोन्स' हैं लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान के पास मौजूद ड्रोन्स में विभिन्न क्षमताएं हैं और यह 10 से 11 अलग-अलग बनावट के हैं.
पिछले साल अक्तूबर में भारत ने अमेरिका से साढ़े तीन अरब डॉलर मूल्य के 31 प्रीडेटर ड्रोन्स ख़रीदने का समझौता किया था.
प्रीडेटर ड्रोन्स दुनिया के सबसे कामयाब और ख़तरनाक ड्रोन माने जाते हैं.
उनके साथ 50 करोड़ डॉलर के उन ड्रोन्स के ज़रिए लक्ष्य को तबाह करने में इस्तेमाल होने वाले बम और लेज़र गाइडेड मिसाइलें भी ख़रीदी जाएंगी.
राहुल बेदी के अनुसार, पाकिस्तान तुर्की और चीन से ड्रोन्स आयात करता है. हालांकि उसने जर्मनी और इटली से भी ड्रोन्स ख़रीदे हैं.
पाकिस्तान ने बर्राक़ और शहपर जैसे ड्रोन्स ख़ुद भी बनाए हैं.
पाकिस्तान के पास तुर्की के आधुनिक 'बैराक्तर' ड्रोन्स टीबी टू और एकेंजी हैं जबकि उसने चीन से 'वैंग लोंग टू' और 'सीएच 4' जैसे ड्रोन्स भी हासिल किए हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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