जाने-माने यूट्यूबर ध्रुव राठी ने सोमवार को अपना एआई जेनरेटेड वीडियो सोशल मीडिया से हटा लिया. इस वीडियो में सिख गुरुओं को एआई के ज़रिए दिखाया गया था.
धार्मिक गुरुओं का इंसान के तौर पर या फ़िल्म में चित्रण करने की वजह से अकाल तख्त, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) और शिरोमणि अकाली दल ने इसका कड़ा विरोध किया था.
इंस्टाग्राम स्टोरी में ध्रुव राठी ने ये कहा कि भले ही वीडियो को काफ़ी सराहना मिली है लेकिन "मैं इसे हटा रहा हूं क्योंकि कुछ व्यूअर्स का ये मानना है कि सिख गुरुओं को एनिमेशन के ज़रिए दिखाना उनकी मान्यताओं और आस्था के ख़िलाफ़ है."
इससे पहले अकाल तख्त, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी और शिरोमणि अकाली दल ने गुरु गोबिंद सिंह और उनके चार बेटों, जिन्हें 'साहिबज़ादे' भी कहा जाता है, की एआई जेनरेटेड तस्वीरें दिखाने की वजह से वीडियो को फ़ौरन हटाने की मांग की थी.
वीडियो का विरोध करने वालों ने क्या कहा?सिख धर्म से जुड़ी इन संस्थाओं ने सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की भी मांग की थी.
एसजीपीसी के अध्यक्ष मी ने कहा, "इस तरह के चित्रण सिख धर्म के सिद्धांतों और परंपराओं का उल्लंघन करते हैं. सिख धर्म में गुरु, साहिबज़ादे और उनके परिवार को इंसानी रूप में या फिर फ़िल्मों में नहीं दिखाया जा सकता है. इसलिए यूट्यूबर ने सिख धर्म के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ काम किया है."
वहीं शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, "इस तरह का चित्रण सिख धर्म के रहत मर्यादा का उल्लंघन करता है, जिसमें गुरु साहिबान को विज़ुअल्स में दिखाना वर्जित है. इसने पूरे समुदाय की भावनाओं को गहरे तौर पर आहत किया है."
सुखबीर सिंह बादल ने ये भी दावा किया है कि ध्रुव राठी के वीडियो में सम्मानजनक भाषा इस्तेमाल नहीं की गई है और इसमें कुछ भ्रामक नैरेटिव हैं, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है.
बादल ने अपने एक्स पोस्ट में सभी कंटेंट क्रिएटरों से सिख धर्म के इतिहास या गुरुओं के बारे में कुछ भी जानकारी देने से पहले बेहद सतर्कता और संवेदनशीलता बरतने की हिदायत भी दी है.
उन्होंने कहा, "धार्मिक परंपराओं के लिए सम्मान और सटीक ऐतिहासिक चित्रण कुछ ऐसा है, जिससे समझौता नहीं किया जा सकता. मैं निवेदन करता हूं कि ये आपत्तिजनक कंटेंट फ़ौरन हटा दिया जाए और मैं ये भी मांग करता हूं कि लोग ज़िम्मेदारी से कहानियां बताएं, जो सिख धर्म के पवित्र इतिहास का सम्मान करती हो."
समाचार एजेंसी , एक बयान में अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज ने कहा कि इस तरह के वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर के ध्रुव राठी ने सिख परंपराओं, इतिहास और भावनाओं का 'अपमान किया है.'
उन्होंने भी राठी से तत्काल ये वीडियो हटाने की मांग की और एसजीपीसी को ये निर्देश दिया कि वो ध्रुव राठी के वीडियो को हटाने के लिए संबंधित मंत्रालयों से संपर्क करें.
दिल्ली सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "मैं ध्रुव राठी का सिख वॉरियर हू टेरिफ़ाइड द मुगल्स वीडियो की निंदा करता हूं. वीडियो में न केवल तथ्यात्मक गड़बड़ियां हैं बल्कि ये सिख इतिहास और भावनाओं के प्रति भी घोर अपमानजनक है.गुरु गोबिंद सिंह जी को बचपन में रोते हुए दिखाना, सिख धर्म की मूल भावना का अपमान है. "
ने दिल्ली पुलिस से ध्रुव राठी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने की भी मांग की थी.
ध्रुव राठी ने विवादों में आए वीडियो को रविवार यानी 18 मई को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था. 24 मिनट और 37 सेकेंड के वीडियो में एआई का इस्तेमाल किया गया था.
हालांकि, विवाद बढ़ता देख ध्रुव राठी ने सोमवार देर शाम अपना वीडियो यूट्यूब से हटा लिया.
उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, "हालिया वीडियो पर आपके फ़ीडबैक के लिए शुक्रिया. भले ही आप में से कई लोगों ने वीडियो को खूब सराहा और मैं चाहता हूं कि वो मेरे चैनल पर बना रहे. फिर भी मैंने इसे हटाने का फ़ैसला लिया है, क्योंकि कुछ व्यूअर्स का ये मानना है कि सिख गुरुओं का एनिमेशन के ज़रिए चित्रण उनकी आस्थाओं के ख़िलाफ़ है."
ध्रुव राठी ने लिखा, "मैं नहीं चाहता कि ये एक राजनीतिक या धार्मिक विवाद का रूप ले क्योंकि ये वीडियो सिर्फ़ हमारे भारतीय योद्धाओं की कहानी को नए और ज्ञानवर्धक तरीके से दिखाने की कोशिश भर थी."
"इस एजुकेशनल फ़ॉर्मेट में गहरी संभावनाएं हैं. मैं अपने अगले वीडियो के लिए हमारे इतिहास से जुड़ी अन्य कहानियों को तलाशूंगा और ये आंकलन करूंगा कि इस कहानी को अलग तरीके से फिर से बताया जाना चाहिए या नहीं."
हरियाणा के रोहतक से ताल्लुक रखने वाले 30 साल के ध्रुव राठी अक्सर राजनीतिक, सामाजिक, पर्यावरण जैसे मुद्दों पर वीडियो बनाते रहते हैं. हालांकि, वह भारत की केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना के लिए कई बार पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं.
इसी साल दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के नेताओं पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'अनब्रेकेबल' की स्क्रीनिंग पर दिल्ली पुलिस ने ये कहते हुए रोक लगा दी थी कि इसमें चुनाव संबंधी गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया है.
बाद में ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस डॉक्यूमेंट्री को जारी कर दिया था. इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल, आतिशी, सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह समेत पार्टी के कई मुख्य नेताओं के इंटरव्यू थे.
युवाओं के बीच उनकी ख़ासी लोकप्रियता है. यूट्यूब पर उनके करीब तीन करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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