कांग्रेस ने ड्रोन से बारिश कराकर जमवारामगढ़ को भरने के राज्य सरकार के दावों पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले में सरकार पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि कृत्रिम बारिश के नाम पर राज्य सरकार ने एक कंपनी के साथ मिलीभगत करके जयपुर की जनता को ठगा है। पूर्व मंत्री को शक है कि इस मामले में घोटाला हुआ है। इसलिए इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आनी चाहिए।
खाचरियावास ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि रामगढ़ बांध को भरने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की राज्य सरकार की योजना मज़ाक बनकर रह गई है। सरकार का दावा है कि सरकार ने ड्रोन के ज़रिए 0.8 मिमी बारिश कराई। यह पूरी तरह से झूठ और तथ्यों के बिल्कुल विपरीत है, क्योंकि जो ड्रोन उड़ाए गए हैं, वे खिलौने बन गए हैं। प्रताप सिंह ने कहा कि छोटे ड्रोन नीचे गिर गए और गांव के लोग उनका मज़ाक उड़ा रहे हैं। लोगों में चर्चा है कि सरकार ने एक निजी कंपनी के ज़रिए एक और घोटाला करके प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा मज़ाक किया है।
खाचरियावास ने कहा कि जयपुर समेत पूरे प्रदेश में जबरदस्त बारिश हो रही है, पिछले 50 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है, लेकिन इसके बावजूद ड्रोन के जरिए रामगढ़ बांध भरने के सरकारी दावे पूरी तरह फेल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को यह आइडिया किसने दिया, इसके पीछे कौन लोग थे, इस मामले की जांच होनी चाहिए और सरकार को जवाब देना चाहिए।
पूर्व मंत्री ने कहा कि जिस दिन ड्रोन उड़ाए गए, उस दिन कृत्रिम बारिश देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई लोग घायल हो गए। ऐसे में राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए कि जब कृत्रिम बारिश हुई ही नहीं, तो ये झूठे दावे करने वाले लोग कौन हैं। गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी कृत्रिम बारिश को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
You may also like
शादी` से पहले सुहागरात मनाने पहुंचा मंगेतर, किया ऐसा कांड, दुल्हन लगी रोने, कहा- तुम ये क्या…
जींद : टीबी की दवा ले रहे 23 टीबी मरीजों को कर्मचारियों ने लिया गोद
हिसार : विस्तार विशेषज्ञ नवीनतम शोध व तकनीकों को किसानों तक पहुंचाए : प्रो. बीआर कम्बोज
जींद : सर्वजातीय खाप की मांग, खत्म हाे लिव इन रिलेशन
हिसार : खेजड़ली बलिदान दिवस को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाए: नरसी राम बिश्नोई