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भारत में डेंगू वैक्सीन का परीक्षण अंतिम चरण में!एम्स जोधपुर में डेंगीऑल की सिंगल डोज लगाई जा रही, देशभर में 19 केंद्रों पर परीक्षण

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वैश्विक स्वास्थ्य के लिए शीर्ष 10 खतरों में से एक के रूप में चिह्नित डेंगू बुखार के टीके पर शोध तीसरे और अंतिम चरण में है। इसके लिए जोधपुर एम्स में 'डेंगियोल' की एक खुराक निशुल्क दी जा रही है। इससे पहले देश में दो शोध परीक्षण हो चुके हैं, जिनमें डेंगियोल वैक्सीन को सुरक्षित और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने वाला पाया गया है।

उल्लेखनीय है कि यह बुखार डेंगू वायरस के संक्रमण से होता है। फिलहाल डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, जिसके कारण इससे होने वाली बढ़ती मृत्यु दर पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसे देखते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने पैनेशिया बायोटेक के साथ मिलकर डेंगियोल नामक डेंगू वैक्सीन विकसित की है और इसका परीक्षण कर रही है। परीक्षण का तीसरा चरण अभी भारत में 19 स्थानों पर चल रहा है, जिसमें 10 हजार से अधिक वयस्क शामिल हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के सामुदायिक समन्वयक उम्मेदराज जैन ने बताया - राजस्थान में डेंगू से संबंधित परीक्षण वर्तमान में एम्स जोधपुर में चल रहा है। इसका उद्देश्य स्वस्थ भारतीय वयस्कों में डेंगू के एक खुराक वाले टीके की प्रभावकारिता, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और सुरक्षा का मूल्यांकन करना है। यह अध्ययन राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान कार्यक्रम (एनएचआरपी) के वेक्टर बोर्न घटक के तहत किया जा रहा है। पहले के दोनों परीक्षण सुरक्षित रहे हैं।

18 से 45 और 45 से 60 वर्ष की आयु के लोग लगवा सकते हैं टीका

जैन के अनुसार - गर्मी के मौसम में डेंगू वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने और इससे होने वाली मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एम्स जोधपुर द्वारा किए जा रहे तीसरे चरण के शोध अध्ययन के लिए यह टीका केवल मई माह तक निशुल्क लगाया जा रहा है। इसके लिए 18 से 45 वर्ष और 45 से 60 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से यह एक खुराक वाला टीका निशुल्क लगवा सकता है। इस संबंध में किसी भी जानकारी के लिए कोई भी इच्छुक व्यक्ति उम्मेदराज जैन से संपर्क कर सकता है।

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