सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के न्यूरो विभाग के हेड और जयपुर हैंडबॉल संघ के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल को जयपुर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी गुरुवार रात को हुई और आरोपी को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया।
जानकारी के अनुसार, डॉक्टर अग्रवाल हॉस्पिटल में तीन बड़ी जिम्मेदारियां संभालते हैं। वे न्यूरो डिपार्टमेंट के हेड होने के साथ-साथ उस आईसीयू वार्ड के भी प्रमुख हैं, जहां तीन दिन पहले आग लगने की घटना हुई थी। उनका पद और जिम्मेदारी उन्हें हॉस्पिटल प्रशासन में महत्वपूर्ण स्थान देता है।
घूस मांगने का मामला ब्रेन कॉइल सप्लाई करने वाली एक कंपनी के बिल से जुड़ा है। कंपनी ने हॉस्पिटल में 12 लाख 50 हजार रुपए का बिल पास करवाने के लिए डॉक्टर अग्रवाल को रिश्वत देने की कोशिश की। आरोप है कि डॉक्टर ने बिल पास करने के एवज में रिश्वत की मांग की।
इस संदर्भ में, जब कंपनी ने परिवादी के रूप में शिकायत दर्ज कराई, तब एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए गुरुवार रात को डॉक्टर को उनके घर पर ही रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि यह गिरफ्तारी सबूतों और शिकायत के आधार पर की गई और जांच अभी जारी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला स्वास्थ्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है। वरिष्ठ डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन में उच्च पदों पर बैठे लोगों का रिश्वत लेना मरीजों और सप्लायर दोनों के लिए चिंता का विषय है। इससे न केवल हॉस्पिटल का प्रशासनिक माहौल प्रभावित होता है, बल्कि मरीजों और उनके परिवारों का विश्वास भी कमजोर होता है।
जयपुर हैंडबॉल संघ में भी अध्यक्ष के रूप में अग्रवाल की स्थिति को देखते हुए यह मामला खेल और सामाजिक क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बन गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस गिरफ्तारी से स्पष्ट संदेश जाता है कि भ्रष्टाचार के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह स्वास्थ्य क्षेत्र में ही क्यों न हो।
हॉस्पिटल के अंदर हुई आग की घटना और उसके बाद सामने आए भ्रष्टाचार के मामले ने अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ और नागरिक संगठन इस मामले की गहन जांच की मांग कर रहे हैं।
एसीबी के इस कदम को व्यापक रूप से सराहा जा रहा है। यह कार्रवाई यह भी दर्शाती है कि यदि भ्रष्टाचार का सबूत ठोस हो तो किसी भी उच्च पदस्थ अधिकारी को कानूनी कार्रवाई से नहीं बचाया जा सकता। इस गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर अग्रवाल के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई और अस्पताल प्रशासन की भी आंतरिक जांच होने की संभावना है।
कुल मिलाकर, जयपुर सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के हेड डॉक्टर मनीष अग्रवाल की गिरफ्तारी ने स्वास्थ्य और प्रशासनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश भेजा है। इससे अन्य अधिकारियों के लिए भी चेतावनी मिलती है कि घूस और भ्रष्टाचार जैसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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