राजधानी जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम सपोर्ट टीम (CST) में जल्द बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक, कमिश्नरेट स्तर पर इस संबंध में एक्सरसाइज शुरू हो चुकी है, और नई टीम के गठन की तैयारी अंतिम चरण में है। जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल ने बताया कि कमिश्नरेट में संगठित अपराध, गैंगस्टर्स और मादक पदार्थ तस्करों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक नई, प्रभावी और चुस्त सीएसटी टीम बनाई जाएगी।
कमिश्नरेट में हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल और स्पेशल कमिश्नर (ऑपरेशंस) राहुल प्रकाश ने स्पेशल टीम के अधिकारियों और कर्मियों के साथ चर्चा की। इस बैठक में वर्तमान सीएसटी टीम के कामकाज की विस्तृत समीक्षा की गई। दोनों अधिकारियों ने टीम में काम कर रहे पुलिसकर्मियों से उनके अनुभव और चुनौतियों के बारे में जानकारी ली। साथ ही, अपराध नियंत्रण, नशे की तस्करी और गैंगस्टर नेटवर्क को तोड़ने के लिए उनसे सुझाव भी मांगे गए।
सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में कई महत्वपूर्ण इनपुट सामने आए, जिनके आधार पर अब कमिश्नरेट प्रशासन एक नई रणनीति पर काम कर रहा है। पुलिस कमिश्नर मित्तल ने कहा कि मौजूदा टीम की परफॉर्मेंस का मूल्यांकन कर लिया गया है और जल्द ही नई टीम के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नई सीएसटी टीम में सक्रिय, अनुभवी और परिणाम देने वाले पुलिसकर्मी शामिल किए जाएंगे।
जानकारों का मानना है कि जयपुर कमिश्नरेट का यह कदम राजधानी में बढ़ रहे संगठित अपराध और ड्रग तस्करी के नेटवर्क पर कड़ा प्रहार साबित हो सकता है। पिछले कुछ महीनों में जयपुर में कई गैंगस्टर गतिविधियों और मादक पदार्थों की खेप पकड़ में आने के बाद यह महसूस किया गया कि मौजूदा टीम में पुनर्गठन की आवश्यकता है।
स्पेशल कमिश्नर राहुल प्रकाश ने भी बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि अपराध नियंत्रण के लिए इंटेलिजेंस-ड्रिवन ऑपरेशन और टेक्नोलॉजी आधारित ट्रैकिंग सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “जयपुर पुलिस का फोकस अब सिर्फ कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अपराध के स्रोत और नेटवर्क को जड़ से खत्म करने पर रहेगा।”
नई टीम बनने के बाद कमिश्नरेट स्तर पर नशे के सौदागरों, अवैध हथियार कारोबारियों और गैंगस्टर्स पर लगातार निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए विशेष निगरानी इकाइयाँ और डाटा एनालिसिस सेल भी सक्रिय की जाएंगी, ताकि अपराधियों की गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट का यह कदम शहर में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय माना जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नई सीएसटी टीम कब तक गठित होती है और उसका अपराध नियंत्रण पर कितना असर पड़ता है।
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