हाड़ौती क्षेत्र में सोमवार को हुई बेमौसम बारिश किसानों के लिए राहत नहीं बल्कि आफत बनकर आई। दिनभर चली बरसात की झड़ी ने फसलों से लेकर मंडियों तक भारी नुकसान पहुंचाया है। भामाशाह मंडी में हालात सबसे ज्यादा खराब रहे, जहां करीब 40 हजार से अधिक बोरी धान भीग गया। इस नुकसान का असर किसानों और व्यापारियों दोनों पर पड़ा है।
🌧️ बारिश की झड़ी ने बढ़ाई चिंतामौसम के इस अचानक बदलाव ने हाड़ौती के किसानों को मुश्किल में डाल दिया है। सोमवार को सुबह से ही आसमान में घने बादल छा गए और दोपहर होते-होते तेज बारिश शुरू हो गई। लगातार घंटों तक हुई वर्षा से खेतों में खड़ी धान और सोयाबीन की फसलें प्रभावित हुई हैं। वहीं जिन किसानों ने अपनी फसलें मंडी में बेचने के लिए लाई थीं, उनका माल भी बारिश की चपेट में आ गया।
🌾 भामाशाह मंडी में भारी नुकसानकोटा की भामाशाह कृषि उपज मंडी में सोमवार को अफरा-तफरी का माहौल रहा। बारिश के कारण मंडी परिसर में रखी 40 हजार से अधिक बोरी धान पूरी तरह भीग गई। इनमें कई किसानों और व्यापारियों की उपज शामिल थी। मंडी में बारिश से बचाव के पर्याप्त इंतज़ाम न होने के कारण फसलें खुले में पड़ी रहीं और पानी में भीगती चली गईं।
व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने बार-बार मंडी प्रशासन को छतरी और कवर्ड शेड की व्यवस्था करने की मांग की थी, लेकिन समय पर कोई कदम नहीं उठाया गया। अब इस नुकसान की भरपाई मुश्किल लग रही है।
🚜 खेतों और खलिहानों में भी पानी भरासिर्फ मंडी ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी खेतों और खलिहानों में पानी भर गया। कटाई के बाद रखी फसलें भीग जाने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। कई किसानों ने बताया कि उन्होंने हाल ही में धान की मिंजाई कर उपज घर या खलिहान में रखी थी, जो अब पूरी तरह खराब हो गई है।
🗣️ किसानों का दर्द: ‘सालभर की मेहनत बरबाद हो गई’स्थानीय किसान रामस्वरूप मीणा ने बताया, “सालभर मेहनत से फसल तैयार की थी। मंडी में लेकर आए तो बारिश ने सब भीगा दिया। अब फसल बिकने लायक नहीं रही।”
कई किसानों ने सरकार से क्षति का सर्वे कर मुआवजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि लगातार मौसम की अनिश्चितता से उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ रहा है।
भामाशाह मंडी प्रशासन ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि भीगे धान के ढेरों को अलग करवाया जा रहा है ताकि खराब अनाज को सुरक्षित किया जा सके।
कृषि विभाग ने भी जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजी है और कहा है कि प्रभावित किसानों का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण हाड़ौती क्षेत्र में अगले 24 घंटे तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। इससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है।
हाड़ौती में हुई इस बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों से लेकर मंडियों तक फैला नुकसान अब सरकार और प्रशासन की त्वरित मदद का इंतज़ार कर रहा है।
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