राजस्थान में मानसून ने एक बार फिर पूरी रफ्तार पकड़ ली है। शुक्रवार को हुई भारी बारिश ने कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और बारां में हालात बाढ़ जैसे हो गए हैं। मौसम विभाग ने शनिवार को भी राज्य के 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आज खासकर भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिलों में भारी बारिश की संभावना है। हालात को देखते हुए 9 जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
राहत और बचाव के लिए सेना की मदद
कोटा संभाग में हालात बिगड़ते देख प्रशासन को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ सेना बुलानी पड़ी। बूंदी के नैनवां कस्बे में 9 घंटे में 13 इंच तक बारिश दर्ज की गई। वहीं, भीलवाड़ा के बिजोलिया में 24 घंटे में 166 मिमी बारिश के कारण पंचनपुरा बांध ओवरफ्लो हो गया और एरु नदी उफान पर आ गई। कई इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना पड़ा।
सवाई माधोपुर और कोटा सबसे ज़्यादा प्रभावित
सूरवाल बांध के पास नाव पलटने से सवाई माधोपुर में हड़कंप मच गया। नाव में 10 लोग सवार थे, जिनमें से 3 को सुरक्षित बचा लिया गया। लगातार बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-552 की पुलिया बह गई, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। पुराने शहर के घरों में पानी घुस गया और रेलवे स्टेशन की पटरियाँ जलमग्न हो गईं, जिससे पाँच ट्रेनें प्रभावित हुईं।
सड़कों पर 4 फीट तक पानी भरा
कोटा में भी हालात बेहद खराब रहे। कई कॉलोनियाँ और बाज़ार पानी में डूब गए। सुल्तानपुर कस्बे में सड़कों पर 4 फीट तक पानी भर गया। पुलिस का वाहन भी पानी में फँस गया, जिसे ट्रैक्टर से बाहर निकाला गया। शुक्रवार सुबह कोटा बैराज के तीन गेट खोलने पड़े।
इतनी तेज़ बारिश क्यों हुई?
जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, पिछले दो हफ़्तों से मानसून कमज़ोर स्थिति में था। लेकिन मानसूनी रेखा के सामान्य स्थिति में आने और मध्य प्रदेश-राजस्थान की सीमा पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के स्थिर होने के साथ ही अचानक भारी बारिश का दौर शुरू हो गया।
स्कूल बंद, जन-जीवन प्रभावित
भारी बारिश के कारण शनिवार को चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर और भीलवाड़ा में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। बांसवाड़ा में माही बांध के गेट खोलने के बाद बेणेश्वर धाम टापू में तब्दील हो गया है।
कई कस्बे मुख्य इलाकों से कटे
राजस्थान का दक्षिण-पूर्वी हिस्सा इन दिनों लगातार बारिश की मार झेल रहा है। लोग अपने घरों में कैद हैं, कई कस्बे और गाँव बाहरी दुनिया से कटे हुए हैं। प्रशासन लगातार स्थिति पर नज़र रख रहा है और राहत कार्यों में लगा हुआ है।
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